triphala churna | triphala churna benefits in hindi
त्रिफला का महत्व | triphala churna benefits
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हमारा शरीर त्रिदोष आधारित है। दोषों का सम होना ही स्वस्थ होना है। बहुत कम चीजें हैं जो तीनों दोषों को सम करती हैं। त्रिफला में हरड़, बहेड़ा और आंवले का मिश्रण होता है। यज तीनों चीजें तीनों दोषों को सम करती हैं। इन तीनों को मिलाकर जो त्रिफला चूर्ण बनाया जाता है, उसका अनुपात 1:2:3 अनुपात में सबसे अच्छा होता है। त्रिफला वात, पित्त और कफ तीनों का नाश करता है।
त्रिफला का उपयोग कैसे और कब करें किन किन रोगों में यह महत्वपूर्ण है?
- यदि पेट में कब्ज की समस्या हो तो त्रिफला को रात को सोते समय गुनगुने दूध के साथ या गर्म पानी के साथ खाएं।
- रात को खाया हुआ त्रिफला पेट को साफ करता है।
- पुराने से पुराने कब्ज को भी खत्म करता है।
- यदि शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो गई है, तो त्रिफला का सेवन सुबह शहद या गुड़ के साथ करें।
- अतः स्वस्थ व्यक्तियों को त्रिफला का सेवन सुबह ही करना चाहिए।
- जिनका मांस बढ़ा हुआ है उनको रोज सुबह त्रिफला गुड़ के साथ खाना चाहिए।
- यदि त्रिफला ना खा सकें, तो सुबह सुबह खाली पेट तीन चार आंवले खाने चाहिए।
- आंवले का सेवन पूरे वर्ष किया जा सकता है।
- त्रिफला का सेवन लगातार 2 से 3 महीने करने के बाद 15 से 20 दिन तक विराम देना चाहिए।
- त्रिफला लगातार खाने से शरीर में कमजोरी या अन्य कोई दुष्प्रभाव हो सकता है। इसलिए लगातार सेवन ना करें।
- रात्रि में त्रिफला की मात्रा आधी चम्मच और सुबह पूरी चम्मच सेवन करें।
- सुबह गुड़ के साथ त्रिफला खाने के बाद दूध भी पी सकते हैं।
- त्रिफला का सेवन दिन भर में एक ही बार कर सकते हैं।
- आंवला कच्चा खाना सबसे अच्छा माना जाता है।
- लेकिन इसका लंबे समय तक उपयोग करने के लिए अचार, मुरब्बा बनाकर सेवन किया जा सकता है।
- आंवले की चटनी बनाकर और आंवले की कैंडी बनाकर सेवन किया जा सकता है।
- डायबिटीज के रोगियों के लिए त्रिफला रामबाण है।
- बवासीर, पाइल्स, भगंदर अर्थात पेट से जुड़ी बीमारियों के लिए त्रिफला को रात में ही लेना चाहिए।
- खाना खाने के बाद या रात को सोने से पहले त्रिफला का सेवन करें।
- सुबह त्रिफला खाली पेट या खाना खाने से 40 मिनट पहले सेवन करें।
- मोटे लोगों में कैल्शियम और विटामिन सी की कमी होती है। इसमें त्रिफला अधिक लाभकारी है।
- छोटे बच्चों को त्रिफला के स्थान पर आंवला खिलाएं। त्रिफला 14 वर्ष से अधिक के बच्चों को ही दें।
- त्रिफला सम कैंसर जैसी बीमारियों में उपयोग किया जा सकता है।
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