Saturday, December 2, 2023
Traditional medicine

piles meaning in hindi | piles treatment in hindi

बवासीर | अर्श  | भगंदर  | पाइल्स | piles meaning 

सामान्यतः यह रोग कब्ज के कारण होता है। जब लंबे समय तक कब्ज रहने लगता है तो बवासीर हो जाता है। जो लोग अत्यधिक बैठे रहते हैं उनको भी यह रोग हो जाता है। बवासीर दो प्रकार क्या होता है- खूनी बवासीर और बादी बवासीर।

इस रोग में मलद्वार से संबंधित शिराएं फैल जाती हैं तो यह ट्यूमर या  गैंद जैसी संरचना बना लेती हैं। जिसको सामान्यता अर्श या बवासीर कहा जाता है। इस रोग में मल त्याग करने में बहुत कठिनाई होती है। मल के साथ खून भी निकलता है। अत्यधिक तीखा, मसालेदार और चिकना भोजन करने से यह रोग बढ़ता है। बवासीर के रोगी को हरी सब्जी और सलाद खाने की सलाह दी जाती है। अत्यधिक तीखे मसाले और खट्टी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।

piles meaning in hindi

बवासीर होने का कारण | what causes piles

  • लंबे समय तक कब्ज रहने के कारण।
  • अधिक समय तक लगातार बैठे रहने से ज्यादातर ड्राइविंग करने वालों को हो सकता है।
  • गर्भावस्था के कारण भी हो सकता है।
  • अनियमित खान-पान के कारण हो सकता है।
  • अधिक तली भुनी हुई और मसालेदार चीजें खाने से हो सकता है।
  • पानी कम पीने और मल त्याग करते समय जोर लगाने से भी हो सकता है।

लक्षण | piles symptoms

  • मल त्याग करते समय मलद्वार से खून आता है।
  • कभी-कभी मलद्वार से गांठ बाहर आती है या उसमें सूजन हो जाती है।
  • मल त्याग करते समय बहुत दर्द होता है।
  • पेट में गैस या अफारा रहने लगता है।

बवासीर को खत्म करने के घरेलू उपाय | piles treatment

  • आंवले का चूर्ण सुबह-शाम शहद या दही के साथ सेवन करने से बवासीर में आराम मिलता है।
  • मूली के रस में काला नमक डालकर पीने से आराम मिलता है।
  • त्रिफला चूर्ण का सेवन करें आराम मिलेगा।
  • मेथी के बीजों को पीसकर बकरी के दूध में पकाकर उसमें हल्दी और काला नमक मिला दें ठंडा होने के बाद सेवन करें।
  • प्रतिदिन खाली पेट पके हुए अमरूद का सेवन बवासीर में लाभदायक होता है।
  • करेले के रस में मिश्री मिलाकर सेवन करने से बवासीर में लाभ मिलता है।
  • नीम और कनेर के पत्तों का लेप बवासीर के मस्सों पर लगाएं।
  • हल्दी और कड़वी तोरई को पीसकर लेप लगाएं।

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