pasine se badbu aana | garmi se bachne ke upay
गर्मी का मौसम यानि पसीना, आलस, दिनभर सुस्ती, खाने पीने का दिल न करना और पानी से खास लगाव होना। इसके अलावा सेहत से जुड़ी छोटी-मोटी समस्याएं तो इन दिनों में बेहद आम है। इन सभी से बचने के लिए जरूरी है चुस्ती-फुर्ती बनाए रखना और दिनचर्या में कुछ बदलाव भी।मसालेदार खाना, प्याज, लहसुन, शराब और कैफीन का अधिक सेवन भी पसीने की बदबू का कारण बन सकता है। शरीर में प्रोटीन बढ़ने से बदबू में भी वृद्धि हो सकती है। उन लोगों के पसीने से अधिक बदबू आती है जो ज्यादा चिंता, घबराए हुए और तनावग्रस्त रहते हैं। यदि शरीर से अधिक बदबू आ रही है तो इसका मतलब है कि शरीर बहुत अधिक तनाव में है।
गर्मी में पसीने और दुर्गंध से परेशान हैं तो? जानिए 10 घरेलू उपाय
धूप से बचें –
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गर्मी में सबसे महत्वपूर्ण और पहला टिप्स तो यही है कि आप धूप में निकलते वक्त सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें। जब भी गर्मी में कहीं बाहर जाएं ठंडा पेय पीकर निकलें। घर आने के बाद अपने चेहरे को ठंडे पानी से धोएं या फिर त्वचा पर बर्फ की मसाज करें। इससे आप काफी तरोताजा महसूस करेंगे।
सुबह दस बजे से शाम चार बजे के बीच धूप में जाने से बचें। अगर बाहर जाना ही पड़े तो शरीर को पूरी तरह से ढंककर, कच्चा प्याज साथ में रखकर ही बाहर निकलें। कैप, सनग्लास और सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूर करें।
पेय पदार्थों का सेवन अधिक करें –
गर्मी के मौसम में ठोस आहार की बजाए तरल पेय पदार्थ जैसे ठंडा पानी, नीबू पानी, नींबू शिकंजी, शर्बत, कैरी का पना, फलों का रस, छाछ, लस्सी ज्यादा मात्रा में लें, इनसे शरीर में तरावट बनी रहेगी और ऊर्जा का स्तर भी बना रहेगा।
ठंडी तासीर वाले भोज्य पदार्थों का सेवन करें –
गर्मी के दुष्परिणामों से बचने के लिए ठंडी तासीर के खाद्य पदार्थों का सेवन करें। बेल का शर्बत, केरी का पना, आंवला, कच्चे प्याज का सलाद भोजन में शामिल करें। खाद्य पदार्थ को गर्म-ठंडे के आधार पर नहीं बल्कि उनकी तासीर के आधार पर पहचानें जैसे आइसक्रीम, कोल्डड्रिंक और बर्फ का गोला ठंडा होने पर भी शरीर की गर्मी बढ़ाते हैं।
हल्के और ढीले कपड़े पहनें –
गर्मी में कूल रहने के लिए आप हल्के रंग के कपड़ों का उपयोग करें, हल्के रंग आंखों को ठंडक पहुंचाते हैं। इस मौसम में कॉटन, शिफॉन, जॉर्जेट, क्रेप जैसे पतले और हलके कपड़े पहनें, जिनमें हवा आसानी से जा सके। गर्मी के मौसम में सफेद कपड़े ज्यादा अच्छे माने गए हैं। सफेद कपड़े प्रकाश को परावर्तित कर देते हैं। जिससे डायरेक्ट धूप से बचा जा सकता है।
ताजा और सुपाच्य भोजन करें –
हल्का, ताजा और जल्दी पचने वाला भोजन करें। भूख से कम खाएं और पानी ज्यादा पिएं। रसीले फल जैसे – तरबूज, आम, संतरा, अंगूर, खरबूज आदि से पेट भी भरेगा और ये शरीर में पानी की जरूरत की पूर्ति भी करेंगे। बासी और तले भुने भोजन से परहेज करें।
शारीरिक श्रम कम करें –
गर्मियों में बहुत ज्यादा शारीरिक श्रम से पसीने के रूप में पानी और मिनरल्स अधिक मात्रा में उत्सर्जित होते हैं। इससे शरीर में पानी और खनिज लवणों की कमी हो जाती है। ऐसी स्थिति में चयापचय दरें प्रभावित होती है।
नींद भरपूर मात्रा में लें –
गर्मियों में नींद पर्याप्त मात्रा में और गहरी नहीं होती, इससे थकान बनी रहती है, जो अनावश्यक चिड़चिड़ाहट को जन्म देती है, इसलिए जब भी आराम की जरूरत महसूस हो, सब काम छोड़कर आराम करें। विशेषकर जून के महीने में दोपहर में 2 घंटे नींद अवश्य लें। जेष्ठ (मई जून) के महीने में दोपहर में सोना बहुत लाभकारी बताया गया है।
नियमित व्यायाम करें –
गर्मी और उमस में किया गया थोड़ा-सा वर्क आउट शरीर को थका देता है, लेकिन इसका ये कतई मतलब नहीं है कि एक्सरसाइज छोड़ दें। हल्के व्यायाम, आसान, ध्यान, योग, प्राणायाम को अपनाएं या फिर सुबह-शाम घूमकर भी व्यायाम की पूर्ति की जा सकती है।
प्रकृति से ठंडक लें –
सुबह जल्दी उठकर एवं शाम को टहलते हुए आप प्रकृति की ठंडक को महसूस कीजिए। पौधों को पानी पिलाएं, हरी घास पर नंगे पैर चलें, रंग-बिरंगे फूलों को निहारें, शुद्ध और खुली हवा में गहरी सांस लें। इसके अलावा गर्मी में प्राकृतिक स्थानों पर घूमने जाएं। ठंडे स्थानों पर विशेष रूप से घूमने जाएं।
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