neem and turmeric in hindi | neem for skin
neem and turmeric ( नीम और हल्दी एक अद्भुत औषधी)
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नीम का पत्ता इस धरती पर पाया जाने वाला सबसे विविध गुणों वाला पत्ता है। नीम के बारे में प्राचीन ग्रंथों में इसके फल ,बीज, तेल, पत्तों, जड़ और छिलके में बीमारी से लड़ने के कई फायदेमंद गुण बताए गए हैं। प्राकृतिक चिकित्सा के भारतीय प्रणाली ‘आयुर्वेद’ के आधार स्तंभ माने जाने वाले दो प्राचीन ग्रंथों ‘चरक संहिता’ और ‘सुश्रुत संहिता’ में इसके लाभकारी गुणों की चर्चा की गई है। इस पेड़ का हर भाग इतना लाभकारी है कि संस्कृत में इसका एक यथायोग्य नाम भी दिया गया है-“सर्व रोग निवारिणी” अर्थात सभी रोगों की एक दवा। लाख दुखों की एक दवा है नीम।
नीम को संस्कृत में ‘अरिष्ट’ भी कहते हैं जिसका मतलब होता है श्रेष्ठ, पूर्ण और कभी खराब न होने वाला। नीम के पत्ते भारत से बाहर 34 देशों में निर्यात किए जाते हैं।
नीम किस प्रकार सर्व रोग निवारक है?
इस पृथ्वी पर जीवन का आधार सूर्य ही है। सूर्य की ऊर्जा से जन्मे अनेक जीवों में से नीम ने ही सबसे अधिक सूर्य की ऊर्जा को ग्रहण किया है। इसीलिए नीम किसी भी बीमारी के लिए रामबाण दवा है। धरती पर मिलने वाले पत्तों में सबसे जटिल नीम का पत्ता ही है। नीम की केमिस्ट्री सूर्य से उसके लगाव के कारण है।
नीम शरीर की सफाई करता है। अगर आपको किसी भी प्रकार का संक्रमण है तो आपको नीम के पत्तों को बिस्तर में रखकर सोना चाहिए क्योंकि इससे शरीर में ऊर्जा आती है और शरीर की सफाई भी होती है। इसके पत्तों में जबरदस्त औषधीय गुण होते हैं और शक्तिशाली प्राण शक्ति होती है। यह इतना कड़वा होता है कि आपके अंदर की सभी बाधाएं दूर कर देता है।
नीम कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट कैसे करता है?
नीम के बहुत से अविश्वसनीय फायदे हैं, लेकिन एक महत्वपूर्ण लाभ यह है कि वह कैंसर उत्पन्न करने वाली कोशिकाओं को खत्म कर देता है। हमारे शरीर में कैंसर उत्पन्न करने वाली कोशिकाएं होती हैं लेकिन वह सभी अव्यवस्थित और असंगठित होती हैं। वे पूरे शरीर में फैली होती हैं।
हमारे शरीर में कैंसर उत्पन्न करने वाली कोशिकाएं इधर-उधर दौड़ रही हैं। अगर वह ऐसे ही दौड़ती रहे तो कोई समस्या नहीं है। अगर ये सभी एक जगह मिलकर हमला करती हैं तो कैंसर उत्पन्न करती हैं।
उदाहरण
जैसे कुछ अपराधी पूरे शहर में बिखरे हुए हैं तो ज्यादा समस्या नहीं है। बड़े हमले को अंजाम नहीं दे सकते हैं। लेकिन ये सभी संगठित हो जाएं तो बड़ा हमला कर सकते हैं। ऐसे ही कैंसर कोशिकाएं जब तक पूरे शरीर में बिखरी हुई हैं तब तक कोई समस्या नहीं है, लेकिन जब ये संगठित होकर हमला करती हैं तो समस्या है।
इनको यहां- वहां करके कुछ कोशिकाओं को मारना होगा, इससे पहले कि वे संगठित हो जाएं। इनको असंगठित या नष्ट करने के लिए ही नीम का सेवन करना चाहिए। इनको तोड़ने के लिए नियमित नीम का सेवन करना चाहिए। प्रतिदिन नीम का सेवन करने से कैंसर पैदा करने वाली कोशिकाएं सीमित हो जाती हैं। जिससे वे इकट्ठा नहीं हो पाती हैं इसलिए नीम का सेवन बहुत महत्वपूर्ण है।
बैक्टीरिया को कम करता है नीम?
- हमारे शरीर में अंदर और बाहर असंख्य बैक्टीरिया हैं।
- हम कह सकते हैं कि हमारा शरीर बैक्ट्रिया का घर है।
- हमारी कोशिकाओं से लगभग 100 गुना अधिक हमारे शरीर में बैक्टीरिया हैं।
- कुछ बैक्ट्रिया हमारे लिए महत्वपूर्ण भी हैं और कुछ रोग उत्पन्न करते हैं।
- इसलिए बैक्टीरिया की अधिकता को कम करने के लिए नीम का उपयोग किया जाता है।
- अगर हम नीम का पेस्ट बनाकर नहाएं तो बाहर का सारा बैक्टीरिया नष्ट हो जाएगा।
- यह एक प्रकार का क्लींजर है।
- यदि हम नीम के कुछ पत्ते लेकर उन्हें पानी में डाल दें और रात भर छोड़कर दूसरे दिन उस पानी से स्नान करें तो सारे बैक्टीरिया खत्म हो जाएंगे और हमको ताजगी मिलेगी।
बैक्ट्रिया को सीमित करता है नीम
- महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारे शरीर में बैक्टीरिया की अधिकता न हो।
- बैक्ट्रिया के बिना हम जीवित नहीं रह सकते।
- यदि इनकी अधिकता हो गई तो हम बीमार महसूस करेंगे क्योंकि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली उनसे निपटने में बहुत ऊर्जा खर्च करती है।
- नियमित नीम का सेवन करने से हम बैक्ट्रिया को इतना सीमित कर सकते हैं कि आपको उसे संभालने में कम ऊर्जा खर्च करनी पड़ेगी जिससे हम बीमार नहीं पड़ेंगे।
हल्दी के फायदे-
हल्दी में करक्यूमिन(curcumin) नामक पदार्थ पाया जाता है जो लीवर को सुरक्षित रखने में बहुत सहायक है। करक्यूमिन के कारण ही हल्दी का रंग पीला होता है। लीवर को कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से बचाता है। अतः भारतीय संस्कृति के अनुसार भोजन में हल्दी का सेवन अवश्य करना चाहिए।
हल्दी एक ऐसा तत्व है जो अनेक लाभकारी गुण रखता है। हमारी ऊर्जा तंत्र को मजबूत बनाता है। यह रक्त को शुद्ध करता है। चुटकी भर हल्दी भरी बाल्टी पानी में डालकर उसे अपने शरीर पर उड़ेलें है। इससे आप ऊर्जावान और कांतिमय महसूस करेंगे। हल्दी रक्त का शुद्धिकरण करती है और आपकी ऊर्जा में एक चमक लाती है।
मुख्यत: किन किन रोगों में हल्दी और नीम फायदेमंद है?
नीम की पत्ती में मौजूद बैक्टीरिया से लड़ने वाले गुण कील मुंहासे, छाले, खाज, खुजली, एक्जिमा इत्यादि को दूर करने में मदद करता है। इसका अर्क मधुमेह, कैंसर, हृदय रोग, एलर्जी, अल्सर, हेपेटाइटिस (पीलिया ) आदि में भी मदद करता है।
नीम को ‘गांव का दवाखाना’ भी कहा जाता है क्योंकि नीम सर्व रोग निवारक है। किसी भी बीमारी में इसका सेवन किया जा सकता है। प्रकृति में सबसे अधिक सूर्य से ऊर्जा लेने वाला पौधा नीम ही है ।
नीम और हल्दी का एक साथ उपयोग कैसे और क्यों करें?
- जब हम नीम और हल्दी का सेवन एक साथ करते हैं तो यह एक नया ऊर्जा स्तर पर ले जाता है।
- नीम और हल्दी के एक साथ सेवन करने से हमारे शुक्राणु की कोशिकाएं टूट कर एक नई ऊर्जा में रूपांतरित हो जाते हैं जिसको ओजस या ओजस् भी कहा जाता है।
- ऐसा करने से अब हमारे शुक्राणु कोशिकाएं शरीर की प्रत्येक कोशिका के साथ मिलकर काम करने लगती हैं, जिससे हम कोई भी कार्य पूरे जोश और तन्मयता से कर सकते हैं।
- अब हम अपनी उर्जा को एक बिंदु पर केंद्रित कर रख सकते हैं।
- हम जो चाहें वो कर सकते हैं।
- अब हमारा ध्यान किसी भी कार्य पर केंद्रित जल्दी होगा।
- आप अच्छा नृत्य कर सकते हैं ,आप संगीत में प्रवीण हो सकते हैं।
- अब आपका देखने का नजरिया बहुत गहरा होगा ,अब आप चीजों को बहुत अच्छे से समझने लगेंगे।
लेख – हेम जोशी
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