Saturday, December 2, 2023
Meditation and Mindfulness

movement disorders in hindi | शरीर के वेग क्या हैं ?

शरीर के वेगों को कभी नहीं रोकना चाहिए। हमारे शरीर में कई वेग उत्पन्न  होते हैं। इन वेगों को रोकने के कारण बीमारियां उत्पन्न होती हैं। 

 

शरीर के वेगों का महत्व | importance of body velocities

शरीर के वेगों को कभी नहीं रोकना चाहिए। हमारे शरीर में कई वेग उत्पन्न  होते हैं। इन वेगों को रोकने के कारण बीमारियां उत्पन्न होती हैं। 

नींद

जैसे नींद एक वेग है। इसे नहीं रोकना चाहिए। नींद को जबरदस्ती रोकने से शरीर को आराम नहीं मिलेगा। अनिंद्रा रोग हो जाएगा। नींद नहीं आएगी बार बार टूटेगी।

हंसी

हंसी भी एक वेग है। सहज रूप से हंसी आने पर कभी नहीं रोकना चाहिए। हमारे मस्तिष्क में पीनियल ग्लैंड है। जो हंसी आने के लिए मदद करता है। इसमें कुछ रस बनते हैं जिनका हंसी से संबंध है। जबरदस्ती कभी नहीं आना चाहिए। बिना भाव के हंसने का हमारे शरीर को कोई लाभ नहीं होता है। बिना भाव बिना रस की हंसी में कभी-कभी पेट की नस पे नस चढ़ जाती है। इससे  पेट में बहुत दर्द हो सकता है।

छींक

छींक एक वेग है। जबरदस्ती छींकना और छींक को रोकना बहुत ही खतरनाक है। जबरदस्ती छींकने से कम से कम 15 रोग हो सकते हैं। छींक को रोकने से 20 से 25 रोग हो सकते हैं।

प्यास

प्यास को कभी नहीं रोकना चाहिए। पानी कितनी भी प्यास लगी हो सिप- सिप करके पीना चाहिए। बिना प्यास के पानी नहीं पीना चाहिए। केवल सुबह बिना प्यास के खाली पेट पानी पी सकते हैं रात का रखा हुआ पानी। प्यास रोकने से लगभग 50 से 60 रोग हो सकते हैं। खड़े होकर पानी कभी नहीं पीना चाहिए। पानी बैठकर पीना चाहिए।

भूख

भूख के वेग को रोकने से 100 से अधिक बीमारियां हो सकती हैं। जिसमें पहला रोग एसिडिटी है। और अंतिम रोग आंत का कैंसर है।

movement disorders

जम्हाई

जब हमारे शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने लगती है। इस कारण जम्हाई आती है। जम्हाई को कभी न रोकें। अधिक  ऑक्सीजन की पूर्ति के लिए जम्हाई आती है।

मूत्र

मूत्र को कभी रोकने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। पेशाब रोकने से शरीर रक्त के सारे विकार धारण कर लेता है। इससे शरीर में दबाव बढ़ जाता है। रक्तदाब बढ़ जाता है। मूत्र का कम आना बीमारी के कारण होता है। इस स्थिति में विशेषज्ञ की मदद लेनी चाहिए। मूत्र का खुलकर आना और बार-बार आते रहना आवश्यक है।

मल

मल को कभी न रोकें। दिन में दो बार या कुछ स्थितियों में तीन बार जा सकते हैं। 3 बार तक थोड़ी असामान्य स्थिति है। 3 से ज्यादा बार अगर मल वेग आ रहा है तो कोई बीमारी है। किसी विशेषज्ञ से मदद लें।

वीर्य

वीर्य साधु, संत, महंत अथवा ब्रह्मचर्य का पालन करने वाले लोगों को रोकना चाहिए। इनके लिए वीर्य बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें सभी कुंवारे लोग भी शामिल हैं। इन सभी के लिए वीर्य को बचाना अति महत्वपूर्ण है। गृहस्थ जीवन वाले लोगों को वीर्य का वेग कभी नहीं रोकना चाहिए। और जबरदस्ती वीर्य के वेग को पैदा भी नहीं करना चाहिए।

(उपरोक्त सभी जानकारी अष्टांग हृदयम वाग्भट्ट जी द्वारा रचित सूत्रों पर आधारित है। इनका पालन करके अपने को स्वस्थ बनाएं। और अधिक जानने के लिए विशेषज्ञ से सलाह लें।)

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