mindfulness meditation | mindfulness techniques

माइंडफुलनेस  तकनीकी का प्रतिदिन अभ्यास करके हम खुश रहना सीख जाते हैं। इसमें हम जो लम्हा चल रहा है , उसको स्वीकार कर लेते हैं। इसके अभ्यास से हमारे अंदर डर खत्म हो जाता है। मतलब हमने स्वीकार कर लिया कि यह होना ही था तो खराब स्थितियों में भी हम परेशान नहीं रहते। हम इस बात को निश्चित रूप से समझ सकते हैं कि हम स्थितियां नहीं बदल सकते। मतलब जैसे गर्मी का मौसम आना है तो आएगा और ठंड का भी निश्चित रूप से आएगा।

 

हमेशा खुश रहने के तरीके | always happy

mindfulness meditation | mindfulness techniques

हमेशा खुश रहने के लिए माइंडफुलनेस बहुत अच्छा तरीका है। दरअसल माइंडफुलनेस  एक थेरेपी है, जिसके जरिए हम अपने अंदर और अपने आसपास हो रही घटनाओं या स्थितियों के प्रति जागरूकता पैदा करते हैं। यह एक प्रकार का ध्यान ही है। बस  अंतर इतना है कि ध्यान लगाने के लिए हमें निश्चित समय पर अलग कोशिश करने की बजाय माइंडफुलनेस  में हमें उस अंतराल पर जहां हम होते हैं, ध्यान लगाना होता है। मतलब हमने उस निश्चित अंतराल को पूरी तरह से महसूस करना है और उसको जीना है। इससे बहुत आनंद आता है।

आनंदमय जीवन की प्राप्ति | i am always happy

 माइंडफुलनेस  तकनीकी का प्रतिदिन अभ्यास करके हम खुश रहना सीख जाते हैं। इसमें हम जो लम्हा चल रहा है , उसको स्वीकार कर लेते हैं। इसके अभ्यास से हमारे अंदर डर खत्म हो जाता है। मतलब हमने स्वीकार कर लिया कि यह होना ही था तो खराब स्थितियों में भी हम परेशान नहीं रहते। हम इस बात को निश्चित रूप से समझ सकते हैं कि हम स्थितियां नहीं बदल सकते। मतलब जैसे गर्मी का मौसम आना है तो आएगा और ठंड का भी निश्चित रूप से आएगा। हमने मौसम के अनुसार अनुकूलन स्थापित करने के लिए अपने तौर-तरीके बदलने हैं। इसी प्रकार हम धीरे-धीरे समस्याओं के प्रति अपनी प्रतिक्रिया को अवश्य बदल सकते हैं। इससे धीरे-धीरे हम हर परिस्थिति को स्वीकार करना और उसमें खुश रहना सीख जाते हैं। अंग्रेजी में एक कहावत है- 

You can’t change our destiny but you definitely change your attitude. Summer has come, winter has come.

माइंडफुलनेस के कुछ तरीके | mindfulness meditation methods

1- सांस के प्रति संवेदनशीलता

2- आंतरिक हलचल को सुनना

3- ध्यान देकर देखने की कोशिश करना

4- विचारों पर ध्यान देने की कोशिश करना

5- शरीर के पर ध्यान देने की कोशिश करना 

माइंडफुलनेस से होने वाले फायदे | benefits of mindfulness meditation

  1. तनाव से छुटकारा मिलता है।
  2. याददाश्त मजबूत होती है।
  3. कार्य करने के लिए एकाग्रता बढ़ती है।
  4. भावनात्मक मेच्योरिटी बढ़ती है।
  5. व्यवहार में शांति और खुशी का अहसास बढ़ता है।
  6. किसी भी घटना के प्रति हमारा दृष्टिकोण बदलता है।
  7. गुस्सा धीरे धीरे कम हो जाता है।
  8. एक दूसरे को समझने की क्षमता बढ़ती है।
  9. फैसले लेने की क्षमता में बढ़ोतरी होती है।
  10. नींद पूरी हो जाती है कम समय में ही।
  11. सोचने का दृष्टिकोण बदल जाता है।
  12. सकारात्मकता में बढ़ोतरी होती है और नकारात्मक विचार धीरे-धीरे कम होने लगते हैं।
  13. किसी भी चर्चा पर निर्णायक विचार रखने का तरीका मन को आ जाता है।
  14. विरोधी विचारों का अंत हो जाता है।
  15. किसी भी वक्तव्य पर अपने तरीके से सोचने का ज्ञान हो जाता है।

कैसे करें माइंडफुलनेस  के लिए ध्यान | mindfulness techniques

 माइंडफुलनेस  का ध्यान करना बहुत ही आसान है। इसके लिए हम जहां पर भी हैं , उस जगह पर पूरी तरह से ध्यान लगाना होता है। कमर सीधी करके चौकड़ी मारकर जमीन पर आसन लगाकर बैठ सकते हैं। आरामदायक कुर्सी का भी प्रयोग किया जा सकता है , मगर ध्यान रहे की रीड की हड्डी हमेशा सीधी रहे।

1- सांस के प्रति संवेदनशीलता

ध्यान सांस पर लगाने की कोशिश करनी है। सांस जब अंदर जाती है और बाहर आती है तो सांस को सहज रूप से महसूस करना है। एक हाथ पेट पर रखें और गौर करें की सांस लेने पर पेट बाहर की तरफ जा रहा है और सांस छोड़ते समय पेट अंदर को जा रहा है। दूसरे हाथ को नाक के समीप लाकर गौर कर सकते हैं कि सांस ठंडी है या गरम। ध्यान सांस पर लगाए रखना है। मन इधर-उधर भटके ना एक जगह पर स्थिर रखना है। भटके हुए मन का बार-बार सांस पर ध्यान लगाएं। सांस सामान्य तरीके से लें। गहरी सांस लेने की कोशिश ना करें। बार-बार अभ्यास करने से हमारा ध्यान सांस पर केंद्रित होने लगेगा। शुरू में यह प्रक्रिया 1 मिनट से प्रारंभ करें । बाद में इसका समय बढ़ाते जाएं।

2- आंतरिक हलचल को सुनना

हमारे शरीर के अंदर बहुत सारी आवाजें मौजूद हैं। उसमें रक्तस्पंदन से लेकर हृदय गति एवं अन्य आवाजें। इसके अलावा उच्च स्तर पर इससे परे की आवाज हैं। ये ध्वनियां अनंत से आ रही हैं। इनको सुनने के लिए उच्च एकाग्रता की आवश्यकता होती है। इसके अलावा पंखे की आवाज, ट्रैफिक की आवाज, किसी से बात करने की आवाज या आसपास कोई भी आवाज उसको महसूस करें। तेज और धीमी आवाज का विश्लेषण करें। आवाज के प्रति सजग रहें। यह प्रक्रिया दोहराते रहें। आसपास की सभी आवाज में को स्वीकार करें। मन बार-बार किसी आवाज के पीछे जाता है तो सहज उसको वापस लाने की कोशिश करें। जबरदस्ती ध्यान केंद्रित करने की कोशिश ना करें। आंखें बंद रखें। आंखों पर ज्यादा दबाव ना दें।

3- ध्यान देकर देखने की कोशिश करना

चीजों के आकार और रंग पर ध्यान दें। देखें उस चीज की सतह ठोस है या नरम है या खुरदरी है या चिकनी। पूर्व धारणा के आधार पर ना देखें और सही गलत या अच्छे और बुरे का फैसला ना करें। अगर ध्यान के समय किसी चीज के अच्छे या बुरे होने के बारे में सोचने लगे तो उसके प्रति सजग होकर अपना ध्यान उस चीज के असली रूप पर ले जाएं।

4- विचारों पर ध्यान देने की कोशिश करना

हमारा मन बहुत चंचल है। इसका व्यवहार बंदर जैसा है। जो एक स्थान पर नहीं टिकता, इधर-उधर दौड़ता रहता है। अपने मन में आ रहे विचारों पर ध्यान लगाएं। और अभ्यास के दौरान अनुभव करें कि हमारा मन एक जगह क्यों नहीं टिक पाता। उन विचारों की तरफ ध्यान दें जिनके कारण हमारा मन एक स्थान पर नहीं टिकता। उसे जबरन रोकने का प्रयास ना करें। मन में आने वाले विचारों को आने और जाने दें। नए विचारों के प्रति जागरूक बनें। मन में सही- गलत और अच्छे – बुरे की पहचान करें। यदि मन विचारों में उलझ जाता है तो अपना ध्यान वापस सांसो की तरफ ले जाएं।

इससे होने वाला लाभ

इसके लगातार अभ्यास से मन में आने वाले विचार कुछ समय बाद अपने आप ही स्थिर होने लगते हैं। नकारात्मक विचारों को दूर करने में सफलता मिलती है। इससे आनंद की अनुभूति होती है।

5- शरीर के पर ध्यान देने की कोशिश करना

अपने बाजुओं को खड़े होकर ऊपर की तरफ खींचें। अगर बैठे-बैठे कर रहे हैं तो हाथों को ऊपर की तरफ खींचें। फिर अपना ध्यान बाजुओं पर केंद्रित करने की कोशिश करें। उंगलियों से कंधों तक ध्यान को ले जाने की कोशिश करें। जमीन पर बैठकर पैरों को सामने फैलाकर तानें। पैर के पंजों से लेकर टखनों और पूरे पैर पर ध्यान लगाएं। अभ्यास जल्दी बाजी मन ना करें। बहुत धीरे धीरे करें।

इससे  होने वाला लाभ

हाथ पैर में खिंचाव से शरीर में फुर्ती आती है। मन स्थिर होता है और आनंद की अनुभूति होती है। अंत में शांति से आंख बंद करके बैठ जाएं। सामान्य रूप से सांस लेते रहें। शवासन में लेटकर करें तो बहुत ही लाभदायक होगा।

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