limestone formula | chuna khane ke fayde

चूना पाउडर हड्डियों, स्मृति, गर्भधारण, नपुंसकता से संबंधित सभी विकारों में फायदेमंद है। यह मुख्य रूप से कैल्शियम कार्बोनेट है इसलिए यह कैल्शियम का एक बड़ा और सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है। इसका उपयोग गुड़ का पानी, इलाइची के साथ, पान के रूप में करने से यह सभी प्रकार के रोगों से मुक्त रखता है। 70 बीमारियों का इलाज करता है चूना। चूना एक खनिज पदार्थ है, जो खानों से निकले हुए एक प्रकार के पत्थर से बनाया जाता है। यह सीप, घोंघे आदि के ऊपरी खोल को जलाकर भी बनाया जाता है। औषधि कार्य में दूसरे प्रकार का चूना अधिक उत्तम माना जाता है।

 

रूपरेखा:-

1- चूना खाने के फायदे

2- कितना उपयोगी है चूना

3- चूना कितनी मात्रा में एक बार मिल लेना चाहिए?

4-  लिवर के लिए रामबड़ है चूना 

5- दाग - धब्बे 

 6-लंबाई बढ़ाने के लिए

7- खून बढ़ाने के लिए 

8- गर्भवती महिलाओं को कैल्शियम की कमी से बचाने के लिए

9- महिलाओं में मासिक धर्म की समस्या के लिए चूने का प्रयोग

10- नपुंसकता के लिए

11-  किनको चूने का सेवन नहीं करना चाहिए?

 

चूना खाने के फायदे

Table of Contents

limestone formula

 

 

 

 

 

चूने का वैज्ञानिक नाम कैल्शियम कार्बोनेट (calcium carbonate) है। अंग्रेज़ी में इसे लाइम स्टोन (lime stone) कहते हैं। चूना साउथ ईस्ट एशिया में मिलता है। यह आम तौर पर इंडोनेशिया के द्वीपसमूह, पापुआ और उनके आसपास की भूमि पर पाया जाता है। सफ़ेद रंग के चूने के पाउडर (limestone) का उपयोग पान में किया जाता है। यह शारीरिक और मानसिक विकारों को दूर करने सहित विभिन्न स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। चूना अनेक प्रकार के रोगों में उपयोगी है और हड्डियों को बल प्रदान करता है। यह कब्जियत पैदा करता है और एसिडिटी दूर करता है। पेशाब और खून को साफ करता है। जख्म पर लगाने पर जख्म को भर देता है। सुजाक रोग में इसके पानी की पिचकारी देने से लाभ होता है। इस प्रकार विभिन्न रोगों में चूने का सेवन किया जाता है।

कितना उपयोगी है चूना

चूना पाउडर हड्डियों, स्मृति, गर्भधारण, नपुंसकता से संबंधित सभी विकारों में फायदेमंद है। यह मुख्य रूप से कैल्शियम कार्बोनेट है इसलिए यह कैल्शियम का एक बड़ा और सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है। इसका उपयोग गुड़ का पानी, इलाइची के साथ, पान के रूप में करने से यह सभी प्रकार के रोगों से मुक्त रखता है। 70 बीमारियों का इलाज करता है चूना।

अन्य भाषाओं में चूने का नाम

हिंदी में चूना; संस्कृत में चूर्ण, सुधा, शिलाक्षार, शुद्धशार; गुजराती में चूना; मराठी में चूना; बंगाली में चूना; तेलुगु में वन्नपु; द्रविण में शुन्नाम्बू; अरबी में किलस; फारसी में आहक आदि नामों से जाना जाता है।

चूना कितनी मात्रा में एक बार मिल लेना चाहिए?

लगभग गेहूं के दाने के बराबर मात्रा ही एक बार में लेनी चाहिए और दिन में एक ही बार लेना चाहिए । सुबह या दिन में या शाम कभी भी।

आइए अब हम चूने के अलग-अलग फायदे पर बिंदुवार चर्चा करते हैं:-

1- लिवर के लिए रामबड़ है चूना 

लीवर की सूजन को ठीक करने में चूना सबसे अच्छा है। शराब पीकर खराब हुआ लीवर चूने के प्रयोग ठीक हो जाता है। लीवर सिरोसिस के लिए चुना रोज गन्ने के रस में गेहूं के दाने के बराबर लें। गन्ने का रस ना मिले तो गुड़ के पानी में ले सकते हैं और दही या दाल में भी ले सकते हैं।

2- दाग – धब्बे 

जौंडिस या हेपेटाइटिस चूने के प्रयोग से ठीक हो जाता है जिसको काला पीलिया भी कहते हैं। खाली पेट सुबह चूना लेने से दाग, धब्बे, मुंहासों से निजात मिलता है।

3- लंबाई बढ़ाने के लिए

लंबाई बढ़ाने के लिए बच्चों को दे सकते हैं। मंदबुद्धि बच्चों के लिए चुना रामबाण इलाज है दिमाग को ठीक करता है। बुद्धि को तीव्र बनाता है। चूना  हड्डियों के लिए, जोड़ों का दर्द ठीक करने के लिए, पायरिया के लिए रामबाण है। नाखून का सड़ना, घुटने का दर्द घटिया ठीक करता है चूना।

4-खून बढ़ाने के लिए

खून बढ़ाने के लिए चूने को अनार के रस के साथ मिलाकर पीना चाहिए। इस प्रकार लेने से खून बहुत मात्रा में बनने लगता है। इसका नियमित सेवन करने से हमारे शरीर में रक्त की मात्रा प्रचूर हो जाती है।

5-गर्भवती महिलाओं को कैल्शियम की कमी से बचाने के लिए

गर्भवती महिलाओं को कैल्शियम की कमी से बचाने के लिए चूना बहुत ही रामबाण है। गर्भावस्था में महिलाओं को कैल्शियम की अधिक आवश्यकता होती है जिसके लिए चूना बहुत ही आवश्यक हो जाता है। गर्भावस्था के दौरान चूना खाने से नॉर्मल डिलीवरी होती है। बच्चा भी स्वस्थ पैदा होता है और बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी बढ़ जाती है। बच्चे की बुद्धि भी तेज हो जाती है।

6-महिलाओं में मासिक धर्म की समस्या के लिए चूने का प्रयोग

महिलाओं में मासिक धर्म  की समस्या के लिए चूने का प्रयोग किया जा सकता है इससे मासिक धर्म संबंधित सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं।कभी-कभी महिलाओं में मासिक धर्म जल्दी हो जाता है कभी देर से होता है इसको नियमित बनाए रखने के लिए चूना बहुत ही रामबाण इलाज है। जिन माताओं बहनों की उम्र 50 से ऊपर हो जाती है उनका मासिक धर्म बंद हो जाता है। अब उनको अधिक कैल्शियम की आवश्यकता होती है अन्यथा उनको जोड़ों का दर्द ,गठिया रोग जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं जो चूने के सेवन से जड़ से खत्म हो जाती हैं।

7-नपुंसकता के लिए

नपुंसकता के लिए रामबाण है चूना। यदि किसी पुरुष के शुक्राणु नहीं बनते हैं तो उनको नियमित रूप से चूने का सेवन करना चाहिए जिससे उनके शुक्राणु बनने लगते हैं इसी प्रकार महिलाओं में अंडाणु नहीं बनते हैं तो उनके लिए भी चूने का नियमित सेवन आवश्यक है जिससे अंडाणु बनने लगते हैं और संतान उत्पत्ति संभव हो पाती है। बांझपन की रामबाण दवा है चूना। चूना खाने से बांझपन की समस्या दूर हो जाती है शुक्राणु और अंडाणु बनने लगते हैं।

मूत्र रोगों में लाभकारी है चूना

चूने के नितारे हुए पानी में तिल का तेल और शक्कर मिलाकर पिलाने से मूत्र रोग दूर होते हैं। अजीर्ण की वजह से जब पेशाब रुक गया हो या पीला पड़ गया हो, खट्टी डकार आती है और उल्टी होने लगे, तो ऐसे रोग में दूध में चूने का पानी मिलाकर देने से लाभ होता है। बार-बार मूत्र आने पर चूना लाभकारी है। चूना, सज्जिखर, तूतिया और सुहागे को पानी में पीसकर मस्सों पर लगाने से लाभ होता है।

 अम्ल पित्त में लाभकारी है चूना

5 तोला कली के चूने को 5 सेर पानी में कागदार सीसी में बुझाकर दो-तीन मिनट तक हिलाएं और काग बंद करके छोड़ दें। जब चूना नीचे जम जाए तब उस नितरे हुए पानी में से ढाई तोला पानी सुबह-शाम पिलाने से अम्ल पित्त दूर होता है।

 बच्चों में कैल्शियम की कमी पूरा करता है चूना 

ढाई तोला चूने को 5 तोला मिश्री के साथ खरल करके ढाई पाव पानी में मिलाकर कागदार शीशी में भरकर काग बंद कर रख दें। जब पानी निथर जाए तब उसमें  से 15 से 20 बूंद पानी दूध में मिलाकर बच्चे को पिलाने से पेट में होने वाले दूध संबंधी विकार नष्ट हो जाते हैं। कैल्शियम की कमी से होने वाले रोगों से उसकी रक्षा होती है।

अतिसार में लाभकारी है चूना

जब अम्ल पित्त की वजह से अतिसार हो गया हो तो चूने के निथरे हुए  पानी में बबूल का गोंद मिलाकर पिलाने से अतिसार दूर होता है। चूने के पानी में गुनगुना दूध और बबूल का गोंद मिलाकर गुदा में पिचकारी देने से भी अतिसार में लाभ होता है।

 बार-बार होने वाली उल्टी को रोकने में लाभकारी है चूना

जब बार बार उल्टी आती है तो दूध में चूने का निथरा हुआ पानी मिलाकर पिलाने से उल्टी रुक जाती है। पीले बुखार में काली उल्टी को रोकने के लिए दूध और चूने का पानी बहुत लाभकारी है।

 श्वेत प्रदर में लाभकारी है चूना

चूने के निथरे हुए पानी में तीन भाग पानी मिलाकर पिचकारी देने से श्वेत प्रदर में लाभ होता है।

 गंडमाला रोग में लाभकारी है चूना

जब गंडमाला में फोड़े से पीब निकलता है और लगातार घाव पड़ते जाते हैं, तो चूने का पानी दूध के साथ मिलाकर पीने से लाभ होता है। साथ में गंडमाला की फोड़ों पर चूने का पानी भी लगाना चाहिए। उपदंश से संबंधित फोड़ों और न भरने वाले फोड़ों पर भी इससे लाभ होता है। खुजली और दूसरे चर्म रोगों में भी चूने के पानी में तेल मिलाकर लगाने से लाभ होता है। इसमें कपड़ा तर करके रखने से बड़ा लाभ होता है।

 बंद गले को खोलने में लाभकारी है चूना

चूने को बबूल की कलियों के रस में पीसकर चने के बराबर गोलियां देने से सर्दी से बैठा हुआ गला खुल जाता है।

वीर्य बढ़ाता है चूना

कली चूना एक रत्ती, 6 मासा शहद के साथ मिलाकर चाटना चाहिए। ऊपर से केसर और शक्कर मिला हुआ दूध पीना चाहिए। इससे भोजन का पाचन अच्छे से होता है। भूख लगती है, निर्बलता दूर होती है और वीर्य बढ़ता है।

 जोड़ों का दर्द और पेट का दर्द मिटाता है चूना

चूना दो तोला, अफीम एक तोला, 3 साल पुराना गुड़ 4 तोला, इन सबको मिलाकर खरल करें। इसकी एक गोली सुबह-शाम पानी के साथ देने से वादी पेट का दर्द और जोड़ों का दर्द दूर होता है।

 धनुर्वात में लाभकारी है चूना

अजवाइन को बकरी के मूत्र की सात भावना देकर सुखा लेना चाहिए। फिर इसमें समान मात्रा में चूना मिलाकर चूर्ण बना लेना चाहिए। इसकी 6 मासा की मात्रा दिन में तीन बार देने से धनुर्वात में लाभ होता है।

विभिन्न रोगों में चूने के चमत्कारी उपयोग

  1. आग से जले हुए स्थान पर चूना और अलसी का तेल मिलाकर लगाने से लाभ होता है।
  2. चूना और शहद मिलाकर कपड़े पर लगाकर बदगांठ पर बांधने से बदगांठ बिखर जाती है।
  3. चूना और शहद को कपड़े पर लगाकर पसली के दर्द पर रखकर पट्टी चढ़ा देने से पसली का दर्द दूर होता है।
  4. चूने को नींबू के रस में मिलाकर लगाने से मकड़ी का जहर उतर जाता है।
  5. चूने और नौसादर को मिलाकर सुंघाने से कफ का और वात का सिर दर्द और हर तरह की बेहोशी दूर होती है।
  6. चूने और बीड़ लवण को पानी के साथ पीसकर लेप करने से नारू मिटता है।
  7. चूने को शहद के साथ पीसकर तिल्ली पर लेप करके ऊपर अंजीर के पत्ते बांधने से तिल्ली की वृद्धि रुक जाती है।
  8. कली का चूना दो रत्ती, तुलसी के पत्तों का रस या अदरक, प्याज अथवा लहसुन के रस के साथ लेने से आमाशय का खट्टापन दूर होता है और जठराग्नि तीव्र होती है।
  9. आमाशय के विजातीय द्रव्य दस्त के साथ बाहर निकल आते हैं।
  10. नीम के पत्तों के रस में एक रत्ती चूना मिलाकर उसकी एक से दो बूंद कान में डालने और बिच्छू का डंक उतारने में लाभकारी है।
  11. चाकू छुरी से कटने पर चूने को मक्खन और सोंठ के साथ मिलाकर घाव पर लगाने से लाभ होता है।
  12. कली का चूना और गोमूत्र मिलाकर कान में डालने से कान का बहना बंद हो जाता है।
  13. कली का चूना और मक्खी की हगार समान मात्रा में लेकर शहद के साथ मिलाकर उसमें बत्ती को तर करके नासूर के अंदर भरने से नासूर जल्दी भर जाता है।
  14. कली का चूना 3 रत्ती और गुड़ 5 तोला मिलाकर चाटने से हृदय की धड़कन और दर्द दूर होता है।
  15. रक्त संचरण की क्रिया मजबूत होती है।
  16. चूने का पानी एसिडिटी में लाभकारी है।
  17. जोड़ों का दर्द, दाद, खाज, खुजली, पीलिया और मूत्र संबंधी रोगों में चूने का पानी लाभकारी है।
  18. कली का चूना दो रत्ती, तुलसी के पत्तों का रस या शहद के साथ मिलाकर चाटने से अतिसार और संग्रहणी में लाभ होता है।
  19. चूने को शहद में मिलाकर मुंह के कीलों पर लगाने से मुंह के कीले होते हैं।
  20. कली का चूना एक रत्ती शहद में मिलाकर चाटने से बालकों का सूखा रोग दूर होता है।
  21. एक रत्ती कली का चूना, 3 मासे अदरक के रस में कुछ शहद मिलाकर देने से अजीर्ण और अरुचि मिटती है और भूख लगती है।

 किनको चूने का सेवन नहीं करना चाहिए?

  • जो व्यक्ति पथरी की समस्या से जूझ रहे हैं उनको चूना नहीं लेना चाहिए।
  • तंबाकू और कत्थे के साथ चूने का सेवन जहर बन जाता है जो कैंसर का कारण बनता है। इसलिए चूने को तंबाकू और कत्थे के साथ नहीं लेना चाहिए।
  • दूध के साथ भी चूना नहीं लेना चाहिए ।
  • दही के साथ ले सकते हैं ,गन्ने के रस के साथ ले सकते हैं ,अनार के रस के साथ, फलों के रस के साथ ,दाल के साथ और सब्जियों के साथ ले सकते हैं।

Read more:-

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!