kheera khane ke fayde | benefits of cucumber
ककड़ी भारत में सभी जगह पैदा होती है। ककड़ी की लताएं लंबी होती हैं। इसके फूल पीले होते हैं। इसके फल लंबे, कोमल, सफेद और हरे होते हैं। जब यह छोटी होती है तब बहुत कोमल और रोयेंदार होती है। जब पूरी बड़ी हो जाती है तो दो ढाई फीट लंबी होती है। ककड़ी की कई प्रजातियां होती हैं। ग्रीष्म ऋतु में पैदा होने वाली ककड़ी, वर्षा ऋतु में पैदा होने वाली ककड़ी, बालम ककड़ी, पनवाड़ी में पैदा होने वाली ककड़ी, चीना ककड़ी इत्यादि इसकी कई प्रजातियां होती हैं।
ककड़ी | खीरा | cucumber
Table of Contents
- 1 ककड़ी | खीरा | cucumber
- 1.1 अन्य भाषाओं में ककड़ी का नाम
- 1.2 आयुर्वेद के अनुसार ककड़ी के गुण
- 1.3 यूनानी चिकित्सा में ककड़ी के गुण
- 1.4 पथरी में विशेष लाभकारी है ककड़ी
- 1.5 पेशाब की जलन में लाभकारी है ककड़ी
- 1.6 दिन में खीरा हीरा, रात में जीरा, जानिए ऐसा क्यों कहा जाता है?
- 1.7 वजन कम करता है खीरा
- 1.8 कैंसर से बचाव करता है खीरा
- 1.9 इम्यूनिटी पावर बढ़ाता है खीरा
- 1.10 हड्डियां मजबूत करता है खीरा
- 1.11 रात में खीरा खाने के नुकसान
- 1.12 कमजोर डाइजेशन वालों को नहीं खाना चाहिए खीरा
ककड़ी भारत में सभी जगह पैदा होती है। ककड़ी की लताएं लंबी होती हैं। इसके फूल पीले होते हैं। इसके फल लंबे, कोमल, सफेद और हरे होते हैं। जब यह छोटी होती है तब बहुत कोमल और रोयेंदार होती है। जब पूरी बड़ी हो जाती है तो दो ढाई फीट लंबी होती है। ककड़ी की कई प्रजातियां होती हैं। ग्रीष्म ऋतु में पैदा होने वाली ककड़ी, वर्षा ऋतु में पैदा होने वाली ककड़ी, बालम ककड़ी, पनवाड़ी में पैदा होने वाली ककड़ी, चीना ककड़ी इत्यादि इसकी कई प्रजातियां होती हैं।
अन्य भाषाओं में ककड़ी का नाम
हिंदी में ककड़ी , खीरा ; बंगाली में कांकुड़; संस्कृत में कर्कटी, बृहत्फला, हस्ती दंत फला, पीनसा, मूत्र फला; मराठी में काकड़ी; गुजराती में काकड़ी; फारसी में खियाजर्द; तमिल में कक्करीकीया; अरबी में किस्साकदम इत्यादि नामों से जाना जाता है।
आयुर्वेद के अनुसार ककड़ी के गुण
ककड़ी मधुर, रुचि कारक, तृप्ति कारक, मुत्रल, मलरोधक, वातकारक और पित्त नाशक होती है। कच्ची ककड़ी शीतल, रूखी, मधुर, भारी और पित्त को दूर करती है। पकी हुई ककड़ी गरम, अग्नि वर्धक और पित्त को बढ़ाती है।
यूनानी चिकित्सा में ककड़ी के गुण
यह दूसरे दर्जे की आखिर में सर्द और तर है। यह प्यास को बुझाने वाली और पित्त को कम करने वाली है। यह लीवर की जलन को शांत करती है। गुर्दे और मसाने की पथरी को यह तोड़कर निकाल देती है। पेशाब की रुकावट को खोल देती है। इसका फल चर्बी बढ़ाने वाला, मूत्रल, विरेचक और ज्वर निवारक होता है। इसके बीज ठंडे होते हैं। इसके बीजों को पीसकर चेहरे पर मलने से चेहरे का रंग निखर जाता है। पेशाब बंद होने पर इसके बीजों को पानी में पीसकर और छानकर पिलाने से आराम मिलता है।
पथरी में विशेष लाभकारी है ककड़ी
पथरी वालों के लिए इसका उपयोग बहुत लाभदायक है। इसके बीजों को मिश्री के साथ पिलाने से पथरी में बहुत लाभ होता है। बार-बार पेशाब आने की बीमारी में इसका उपयोग लाभकारी होता है। इसके सूखे बीजों का चूर्ण मूत्र मार्ग की पथरी को हटा देता है। लीवर और मेदे की सूजन और दर्द इसके प्रयोग से दूर होता है।
पेशाब की जलन में लाभकारी है ककड़ी
इसके बीजों को पानी में पीसकर और यवक्षार के साथ पिलाने से मूत्र की जलन दूर होती है। जिसका पेशाब बनना बंद हो जाता है, उसे ककड़ी के बीजों का पानी पीसकर पिलाने से लाभ होता है। जवाखार के साथ इसके बीजों को पीसकर और छानकर पीने से पेशाब साफ होता है और शक्कर आना बंद हो जाता है।
दिन में खीरा हीरा, रात में जीरा, जानिए ऐसा क्यों कहा जाता है?
एक कहावत है सुबह खीरा खीरा दिन में खीरा हीरा और रात में खीरा जीरा। दरअसल ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि अगर आप सुबह के समय खीरा खाते हैं तो उसका फायदा खीरा के बराबर मिलेगा। अगर आप दिन में खीरा खाते हैं तो आपके शरीर के लिए खीरा हीरे के बराबर कीमती है और अगर आप रात में खीरा का सेवन करते हैं तो एक जीरा के जितना ही फायदा आपको मिलेगा । इसीलिए खीरा खाने की सलाह हमेशा दिन में यानि दोपहर के वक्त दी जाती है. गर्मियों में खीरा खाने के कई फायदे हैं। खीरा को विटामिन, मिनरल्स और इलेक्ट्रोलाइट्स का पावरहाउस कहा जाता है। आप सलाद, सैंडविच या रायते में खीरा खा सकते हैं।
वजन कम करता है खीरा
वजन कम करने के लिए खीरा बहुत अच्छा विकल्प है। खीरा खाने से पेट भी भर जाता है और आपको भरपूर पोषकतत्व भी मिल जाते हैं। खीरा में 95 फीसदी पानी होता है, जिससे मेटबॉलिज्म मजबूत होता है।
कैंसर से बचाव करता है खीरा
कई रिसर्च में ये सामने आया है कि रोजाना खीरा खाने से कैंसर का खतरा कम हो सकता है। खीरा में पाए जाने वाले प्रोटीन हमारे शरीर में कैंसर से लड़ने की ताकत देते हैं। खीरा हमारे शरीर में कैंसर या ट्यूमर के विकास को रोकता है।
इम्यूनिटी पावर बढ़ाता है खीरा
खीरा खाने से इम्यूनिटी भी मजबूत बनाती है। खीरा में विटामिन सी, बीटा कैरोटीन जैसे एंटी ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। जिससे शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स दूर होते हैं और रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
हड्डियां मजबूत करता है खीरा
अगर आप खीरा को छिलका समेत खाते हैं तो इससे हड्डियों को फायदा होता है। खीरे के छिलके में सिलिका होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है। इसके अलावा खीरा में पाया जाने वाला कैल्शियम भी हड्डियों के लिए अच्छा है।
रात में खीरा खाने के नुकसान
रात में खीरा खाने से पेट में भारीपन रह सकता है। रात में खीरा पचाने में मुश्किल होती है। खीर को पचने में वक्त लगता है, इसलिए आपको भारीपन महसूस होगा।
नींद खराब होती है- रात में खीरा खाने से नींद भी खराब हो सकती है। खीरा में पानी ज्यादा होता है जिससे पेट में भारीपन और लेटने में दिक्कत होती है। रात में खीरा खाना हाजमा के लिए भी खराब है।
कमजोर डाइजेशन वालों को नहीं खाना चाहिए खीरा
जिन लोगों को पाचन से जुड़ी समस्या रहती है उन्हें खीरा खाने से परहेज करना चाहिए। खीरे में कुकुरबिटा सीन होता है, जिसे पचाने के लिए आपका डाइजेशन मजबूत होना बेहद जरूरी होता है ।
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