Saturday, December 2, 2023
Harbal remedies

kalpataru ras uses | कल्पतरु रस के फायदे

 

kalpataru ras uses | कल्पतरु रस के फायदे

यह रस वात और कफ संबंधित ज्वर, कफ से उत्पन्न बुखार, खांसी, जुकाम, लार टपकना, सिर दर्द, बेहोशी, छींक इत्यादि  में लाभकारी है। घबराहट और छाती में कफ भर गया हो, तो इस रस का सेवन उत्तम लाभ देता है।

contents ;-

1-कल्पतरु रस के फायदे

2-कल्पतरु रस बनाने की विधि एवं आवश्यक औषधियां | kalpataru ras ingredients 

3-कल्पतरु रस सेवन की मात्रा और सेवन  विधि

4-वात और कफ विकार में कल्पतरू रस का  सेवन

कल्पतरु रस के फायदे | Kalpataru Ras Benefits

रस रसायन प्रकरण में कल्पतरू रस की चर्चा कर रहे हैं। यह रस वात और कफ संबंधित ज्वर, कफ से उत्पन्न बुखार, खांसी, जुकाम, लार टपकना, सिर दर्द, बेहोशी, छींक इत्यादि  में लाभकारी है। घबराहट और छाती में कफ भर गया हो, तो इस रस का सेवन उत्तम लाभ देता है।

कल्पतरु रस बनाने की विधि एवं आवश्यक औषधियां | kalpataru ras ingredients 

इस रस को बनाने के लिए एक तोला शुद्ध पारा, एक तोला शुद्ध गंधक, एक तोला शुद्ध मीठा तेलिया, एक तोला शुद्ध मैनिशिल, एक तोला विमल (रूपामक्खी) भस्म, एक तोला सुहागे की खील, 2 -2 तोला सोंठ और पीपल, 10 तोला काली मिर्च लें। सर्वप्रथम पारा और गंधक  की कज्जली बनाएं। फिर अन्य दवाओं को कूटकर कपड़े में छानें। इस कपड़छन चूर्ण को कज्जली में मिलाएं। फिर इसे 8 घंटे तक घोंटते रहें। जब सभी औषधियां मिल जाएं, तो इसे किसी शीशी में भरकर रख लें।

कल्पतरु रस सेवन की मात्रा और सेवन  विधि

सामान्यतः एक से दो रत्ती चूर्ण एक बार में सेवन करें। इसका सेवन अदरक के रस और शहद के साथ करें। सेवन की मात्रा रोगानुसार चिकित्सक के परामर्श से करें। यह रस खाने और सूंघने दोनों काम में आता है।

वात और कफ विकार में कल्पतरू रस का सेवन

  • इस रसायन के सेवन से वात और कफ से संबंधित बुखार ठीक होता है।
  • यह रसायन दूषित वायु और कफ से उत्पन्न बुखार और खांसी-जुकाम  में लाभदायक है।
  • बुखार के कारण अंगों में जकड़न और दर्द होता है, तो कल्पतरु रस का सेवन करें।
  • मुंह और नाक से लार और पानी टपकने पर कल्पतरु रस लाभदायक है।
  • भोजन का पाचन ठीक से न होना और खाने में अरुचि होना, ऐसी स्थिति में कल्पतरु रस का सेवन करें।
  • कफ और वात से उत्पन्न सिर दर्द, बेहोशी, छींक में रुकावट होने पर, कल्पतरु रस का सेवन करें।
  • जब छाती में कफ जमा हो जाता है, श्वास प्रकोप और घबराहट होने लगती है, तो इस स्थिति में कल्पतरू रस का सेवन उत्तम माना गया है।

 

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