halim ke fayde | chandrasur ke fayde | चमसुर के फायदे
हलीम गरम, कड़वा, पोष्टिक और महिलाओं में दूध बढ़ाता है। इसके सेवन से इंद्रिय कमजोरी दूर होती है। संभोग के समय जिनका वीर्य जल्दी गिर जाता है, उनके लिए रामबाण औषधि है। यह औषधि गरम, कड़वी और पौष्टिक है। छाती का दर्द, गठिया और आमाशय की समस्या में लाभदायक है। यह पूरे भारतवर्ष में पाया जाता है। इसके पत्ते कटे हुए रहते हैं। इसमें नीले रंग के फूल लगते हैं। इसकी फलियां पर कुछ रेशे जैसे होते हैं। इसके बीजों में बहुत चिपचिपा पदार्थ होता है
असालू | हलीम | चमसुर | chandrasur
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यह औषधि गरम, कड़वी और पौष्टिक है। छाती का दर्द, गठिया और आमाशय की समस्या में लाभदायक है। यह पूरे भारतवर्ष में पाया जाता है। इसके पत्ते कटे हुए रहते हैं। इसमें नीले रंग के फूल लगते हैं। इसकी फलियां पर कुछ रेशे जैसे होते हैं। इसके बीजों में बहुत चिपचिपा पदार्थ होता है।
अन्य भाषाओं में हलीम के नाम | Names of Halim in other languages
हिंदी में हालों; संस्कृत में चंद्रसूपम, वासपुष्पा, रक्त राजी, कालमेषा; मारवाड़ी में असालू; गुजराती में असालियो; बंगाली में हालिम; पंजाबी में हालूं; मराठी में अहालील; तेलुगु में आदित्यालू; अरबी में हरफुलबज; फारसी में तराहतेजक आदि नामों से जाना जाता है।
आयुर्वेद में हलीम के औषधीय गुण | Medicinal properties of Halim in Ayurveda
हलीम गरम, कड़वा, पोष्टिक और महिलाओं में दूध बढ़ाता है। इसके सेवन से इंद्रिय कमजोरी दूर होती है। संभोग के समय जिनका वीर्य जल्दी गिर जाता है, उनके लिए रामबाण औषधि है। इसके सेवन से वीर्य में वृद्धि होती है और उत्तेजना बढ़ती है। इसके सेवन से वात,कफ, अतिसार और त्वचा संबंधित रोग दूर होते हैं। दुग्ध युक्त हलीम अभिघात रोग, चर्म रोग, नेत्र रोग और रक्त विकार को दूर करता है।
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यूनानी चिकित्सा में हलीम के गुण | Properties of Halim in Unani Medicine
इसके बीज और पत्ते गरम, शुष्क, विरेचक और कामोद्दीपक हैं। मूत्र रोग में इसका सेवन लाभकारी है। रुक रुक कर पेशाब आने पर इसका सेवन करना चाहिए। लीवर के रोग, वायचनलियों में प्रदाह, छाती का दर्द, गठिया और आमाशय संबंधित बीमारियों में लाभदायक है। हलीम मस्तिष्क की शक्ति बढ़ाता है और बुद्धि वर्धक है।
हलीम के उपयोगी गुण | Useful properties of haleem
हलीम विभिन्न रोगों में लाभकारी औषधि है। इसका सेवन विभिन्न समस्याओं से छुटकारा दिलाता है। इसके सेवन से कौन-कौन से रोग दूर होते हैं, इसके बारे में आगे चर्चा कर रहे हैं-
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तिल्ली के बढ़ जाने पर हलीम का सेवन | Haleem intake for spleen enlargement
हिचकी, अतिसार और रुधिर विकार में यह बहुत लाभकारी है। इसके सेवन से बढ़ी हुई तिल्ली अपनी स्वाभाविक स्थिति में आ जाती है।
आमाशय के दर्द में हलीम का सेवन | Haleem intake in stomach pain
हलीम का काढ़ा पिलाने से आमाशय का दर्द दूर होता है। इससे आमाशय कुछ उत्तेजित हो जाता है।
सूजन में हलीम का सेवन | Haleem intake in inflammation
हलीम के बीजों को कूटकर नींबू के रस में मिलाकर लेप करने से सूजन समाप्त होती है। यह बहुत ही रामबाण दवा है ।
इसका सेवन अवश्य करें।
श्वांस और सूखी खांसी में हलीम का सेवन | Haleem intake for shortness of breath and dry cough
हलीम की डालियों को पानी में उबालें। इस काढ़े का सेवन करने से श्वांस और सूखी खांसी दूर होती है।
खूनी बवासीर में लाभकारी है हलीम | Haleem is beneficial in bloody piles
हलीम का शरबत बनाकर पीने से खूनी बवासीर में लाभ होता है। इसकी जड़ के चूर्ण की फंकी बार-बार देने से दस्त ठीक होते हैं। अतिसार में यह लाभकारी है।
दाद, खाज, खुजली में हलीम का सेवन | Use of Halim in herpes, scabies, itching
दाद, खाज, खुजली में इसका सेवन बहुत लाभकारी है। इसके पत्तों का लेप दाद खाज वाले स्थान पर लगा सकते हैं। इसके बीजों का लेप लगाने से दाद, खाज, खुजली में बहुत आराम मिलता है। यह विष उतारने के काम भी आता है।
वजन घटाने से लेकर इम्यूनिटी बढ़ाने तक, हलीम बीज के फायदे हैं अनेक | Haleem seeds from weight loss to immunity
हलीम बीज ऐसा ही एक बीज है, जो संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। इसे गार्डन क्रेस सीड या हलीवा सीड भी कहा जाता है। यह छोटा लाल बीज फोलेट, आयरन, फाइबर ,विटामिन सी, ए, ई और प्रोटीन जैसे पोषक तत्वों का पावरहाउस कहा जाता है।
मासिक धर्म नियमित करता है हलीम | Haleem regulates menstruation
संपूर्ण स्वास्थ्य और गर्भधारण के लिए स्वस्थ मासिक धर्म बहुत महत्वपूर्ण है। हलीम बीज में फाइटोकेमिकल मौजूद होते हैं। रोजाना हलीम के बीज का सेवन करने से हार्मोन नियंत्रित रहते हैं और अनियमित मासिक धर्म की समस्या दूर हो जाती है।
स्तन का दूध बढ़ाता है हलीम | Haleem increases breast milk
हलीम बीज गैलेक्टैगॉग गुणों से भरपूर होता है। इसमें आयरन और प्रोटीन भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए यह सुपरफूड बहुत फायदेमंद है। गैलेक्टैगॉग खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल स्तन के दूध को बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसे बादाम और गोंद के लड्डू में मिलाकर भी खाया जा सकता है।
पीलिया अनिमिया दूर करता है हालिम | Halim removes jaundice anemia
हलीम बीज में भरपूर मात्रा में आयरन पाया जाता है। यह लाल रक्त कोशिकाओं की वृद्धि को बढ़ाता है और हीमोग्लोबिन के स्तर को सुधारता है। इसके अलावा हलीम बीज में विटामिन सी भी मौजूद होता है। एक चम्मच हलीम बीज में 12 मिलीग्राम आयरन पाया जाता है। इसका सेवन करने से शरीर में खून की कमी नहीं होती है। खून की कमी के कारण एनीमिया रोग होता है। इसके सेवन से खून की कमी पूर्ति हो जाती है और एनीमिया ठीक हो जाता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता इम्युनिटी बढ़ाता है हलीम | Haleem increases immunity
हलीम बीज में विटामिन सी, ए, ई, एंटीऑक्सीडेंट और फोलिक एसिड पाए जाते हैं। ये इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं और संक्रमण के साथ ही विभिन्न बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करते हैं। इसमें पाए जाने वाला एंटीमाइक्रोबियल गुण सर्दी-खांसी, बुखार और गले के दर्द से छुटकारा दिलाता है।
कब्ज दूर करने में सहायक है हलीम | Haleem is helpful in relieving constipation
पर्याप्त मात्रा में फाइबर मौजूद होने के कारण हलीम बीज पेट से जुड़ी बीमारियों के लिए रामबाण है। यह पाचन क्रिया को सुधारता है, पेट में सूजन, गैस और कब्ज को दूर करने में मदद करता है। रेशेदार बीज होने के कारण पाचन क्रिया मजबूत करता है।
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