hair fall treatment in hindi | hair fall reason
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बालों के गिरने और टूटने के कारण और बचाव
सामान्यतया हमारे सिर से कुछ न कुछ बाल रोज गिरते रहते हैं। नहाने के बाद या सूखने पर जब भी हम कंघी करते हैं तो बाल अवश्य गिरते हैं। जब बालों का गिरना एक सामान्य स्थिति से अधिक मात्रा में हो अर्थात एकाएक अधिक बाल गिरने लगे तो समझ लीजिए कि आपके शरीर में किसी तत्व की मात्रा कम हो गई है। उस तत्व का नाम है मेलेनिन। जब हमारे रक्त में मेलेनिन की कमी हो जाती है तो हमारे बाल सफेद और गिरने लगते हैं।
बालों के गिरने और टूटने के और क्या क्या कारण हो सकते हैं आइए आगे चर्चा करते हैं।
खानपान की गलत आदतें
भागदौड़ भरी जिंदगी में आजकल हम खाने-पीने के प्रति बहुत लापरवाह हो गए हैं जो कुछ मिल जाता हम खा लेते हैं जबकि यह उचित नहीं है। समय पर न खाना, तनाव में रहना यह सभी आदतें हमें रोग ग्रस्त करती हैं विशेषकर हमारे बालों के झड़ने की समस्या के लिए उत्तरदाई हैं।
पर्यावरण में मौजूद प्रदूषण कारी तत्व
यदि हम अत्यधिक प्रदूषण वाली जगह में रहते हैं तो भी हमारे बाल झड़ने की संभावना अधिक बनी रहती है। जैसे अधिक खारा पानी भी हमारे बालों के झड़ने के लिए उत्तरदाई होता है। हवा में प्रदूषण कारी तत्व हमारे शरीर पर गहरा असर डालते हैं जिससे हमें अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं।
अधिक केमिकल वाले शैंपू या डाई का इस्तेमाल करना
आजकल बाजार में कई प्रकार के शैंपू और डाई उपलब्ध हैं। अधिकतर महिलाएं और पुरुष बालों पर तरह-तरह की डिजाइनिंग करते हैं । कोई काले बालों को लाल कर देता है , कोई उनको अलग-अलग रंग से रंग देता है जिससे धीरे-धीरे बालों की जड़ों में एक केमिकल का जमा हो जाता है और बालों की जड़ें कमजोर होने लगती हैं जिससे बाल अत्यधिक झड़ते हैं।
केमिकल युक्त तेलों का प्रयोग
अत्यधिक केमिकल युक्त तेलों के प्रयोग से भी बालों की जड़ें कमजोर हो जाती है और अधिक मात्रा में बाल झड़ने लगते हैं। बाजार में आजकल तरह-तरह के तेल उपलब्ध हैं जिनमें दावा किया जाता है कि इनसे बाल बहुत लंबे हो जायेंगे लेकिन वास्तविकता में ऐसा कुछ भी नहीं होता। बल्कि बाल अधिक झड़ने लगते हैं और टूटने लगते हैं। इन तेलों के इस्तेमाल से बचना चाहिए।
दवाइयों का साइड इफेक्ट
जब हम बीमार होते हैं तो डॉक्टर से कई प्रकार की दवाइयां लेते हैं। कभी-कभी इन दवाइयों के साइड इफेक्ट के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं। जब दवाइयां रिएक्शन कर जाती हैं तो बालों का झड़ना उनकी जड़ें कमजोर होना निश्चित है।
असंतुलित खानपान और भोजन में पोषक तत्वों की कमी
यदि हम संतुलित आहार नहीं लेते हैं तो भी हमारे बाल झड़ते हैं। भोजन में पोषक तत्वों की कमी से बालों का झड़ना निश्चित है। वर्तमान समय में हमारी खानपान की आदतों में जो परिवर्तन हुआ है उससे हमारे शरीर को जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो जा रही है जिसके कारण हमारे बालों का गिरना बहुत अधिक हो गया है। हमें भोजन में अधिक पोषक तत्वों का इस्तेमाल करना चाहिए।
अनुवांशिक समस्या
यह समस्या पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाली है। जब हमारे माता-पिता या किसी पूर्वज के समय में कोई महामारी या गंभीर बीमारी लंबे समय तक चली और उससे उनके बाल गिरे हों तो यह आनुवांशिक समस्या बन जाती है। इस समस्या का कोई समाधान अभी तक कारगर नहीं हुआ है। यह समस्या पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रहती है। इसमें निश्चित है कि हमारे बाल गिरेंगे ही। हम गंजे होंगे पक्का है। इसके अलावा जो समस्याएं हैं उनके समाधान खोजे गए हैं।
अब इन समस्याओं से किस प्रकार हम निजात पा सकते हैं उस पर चर्चा करते हैं।
बालों के झड़ने और टूटने की समस्या का समाधान
गाय के दूध या भैंस के दूध से दही बनाकर उसको तांबे के बर्तन में कम से कम 5 से 7 दिन तक रखें। जब वह हरा हरा हो जाएगा उसे बालों पर लगाओ उसके बाद 1 घंटे में उसे शिकाकाई से धो लें। साबुन से इसका लाभ पूरा नहीं मिल पाता है इसलिए शिकाकाई से ही धोएं। एक हफ्ते में चार बार धोने से बाल का झड़ना और टूटना बंद हो जाता है। इसके अलावा गोमूत्र से भी एक दो महीने लगातार बाल धोने से यह समस्या दूर हो जाती है।
खान – पान में बदलाव
खाने में अंकुरित अनाज और दालों का प्रयोग करने से बाल काले और बालों की जड़ें मजबूत होती हैं। अंकुरित चने का सेवन बालों के झड़ने और टूटने की समस्या में बहुत कारगर बताया गया है।
कभी-कभी हमारे शरीर में तांबे की कमी हो जाती है तब भी हमारे बाल अधिक गिरने लगते हैं। इसके लिए हमें तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीना चाहिए। तांबे के बर्तन में पानी कुछ समय तक लगातार है पीने के बाद बीच में दो-तीन दिन विराम देना चाहिए। क्योंकि अत्यधिक तांबे की मात्रा भी हमारे मस्तिष्क के लिए हानिकारक है।
शुद्ध तेलों का प्रयोग
बालों की दीर्घायु के लिए तेलों का बहुत महत्व है बाजार में मिलावटी तेलों का प्रचलन हो गया है जिससे अधिक बाल खराब होने लगे हैं। ऐसे मिलावटी तेलों के इस्तेमाल से बचना चाहिए। हमेशा कच्ची घानी के तेलों का उपयोग करना चाहिए जिसमें सरसों का तेल और नारियल का तेल सबसे श्रेष्ठ माने गए हैं।
आजकल विशेष प्रकार के शैंपू साबुन का प्रचलन हो गया है जो बालों के दुश्मन होते हैं। इनको बनाने में कई रसायनों का प्रयोग किया जाता है जो बालों की जड़ें कमजोर करते हैं और धीरे-धीरे हमारे बाल गिरने लगते हैं।
बालों की जड़ों को अगर मजबूत करना है तो सभी माताएं और बहनें मट्ठा या छाछ से हफ्ते में तीन बार बालों को धोएं इससे बाल काले और जड़े मजबूत हो जाती हैं।
हमारे शरीर में हार्मोन का असंतुलन भी बालों पर प्रभाव डालता है। कभी-कभी बच्चों के बाल सफेद हो जाते हैं।
आइए अब हम कम उम्र में बालों के सफेद होने की समस्या पर चर्चा करते हैं।
कम उम्र में बालों का सफेद होना कारण और बचाव
हमारे शरीर में कुछ ऐसे तत्व हैं जिनकी कमी से हमें बालों से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण तत्व है मेलेनिन। जब हमारे रक्त में मेलेनिन नामक तत्व की कमी हो जाती है तो हमारे बाल बचपन में भी सफेद हो सकते हैं या हो जाते हैं। मेलेनिन की कमी के कई कारण हैं जिसमें असंतुलित खानपान , भोजन में पोषक तत्वों की कमी, दवाइयों के साइड इफेक्ट आदि। पर्यावरण प्रदूषण भी हमारे कम उम्र में सफेद बालों के लिए जिम्मेदार हैं।
इसके अलावा यह समस्या अनुवांशिक भी हो सकती है। जैसे किसी की मम्मी के बाल जल्दी सफेद हो गए हैं तो उनके बच्चों के भी बाल जल्दी सफेद हो सकते हैं। यह समस्या लंबे समय तक चले किसी गंभीर बीमारी का परिणाम हो सकता है। अनुवांशिक समस्या का संतोषजनक समाधान नहीं है इसके अलावा अन्य समस्याओं का समाधान है।
समाधान
रक्त में मेलेनिन की मात्रा बढ़ाने के लिए हम कच्चे आंवले का सेवन कर सकते हैं। दिन में दो आंवला रोज खाएं। इसके अलावा हरी सब्जियां मेथी, पालक सभी हमारे रक्त में मेलेनिन की मात्रा को बढ़ाते हैं इनका इस्तेमाल अधिक मात्रा में करें।
Disclaimer
हमें आशा है आप हमारे द्वारा दी गई जानकारी से लाभान्वित होंगे। सभी उपचार घरेलू हैं और घर में इनका इस्तेमाल सरलता से हम कर सकते हैं। यदि इसके बाद भी आपको समस्या समाधान नहीं हो पाता तो आप हमसे संपर्क कर सकते हैं। Gyanihealth.com सदा आपके सुझावों का स्वागत करता है।
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