gur ke fayde in hindi | गुड़ खाने के 20 फायदे
गुड़ का महत्व
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ठंड के दिनों में पित्त कम होता है। वात और कफ बढ़ जाते हैं। कफ के कारण हमारी जठराग्नि थोड़ी मंद हो जाती है। इसलिए सर्दी के मौसम में तिल, गुड ,घी और मूंगफली खानी चाहिए।
कफ को शांत रखने के लिए गुड सबसे उत्तम है। शहद भी कफ को संतुलित करता है। गुड़ या शहद दोनों का प्रयोग कर सकते हैं।
कफ के असंतुलित होने पर क्या होता है? इस स्थिति में गुड़ का सेवन
कफ बिगड़ने पर शरीर में फास्फोरस की कमी हो जाती है। फास्फोरस को पूरक के रूप में थोड़ा आर्सेनिक भी होना चाहिए। लेकिन आर्सेनिक शरीर के लिए एक जहर है। इसकी मात्रा बढ़नी नहीं चाहिए। गुड में भरपूर फास्फोरस होता है। कुछ मात्रा में आर्सेनिक होता है। इसलिए गुड अवश्य खाएं।
कौन सा गुड़ खाएं! असली गुड़ का रंग कैसा होता है?
सफेद गुड़ कभी न खाएं। असली गुड़ तांबे के रंग जैसा होता है। चॉकलेटी रंग इसको कह सकते हैं। या काले रंग का गुड असली होता है। गुड़ क्षारीय होता है। गुड़ से बनने वाला क्षार पेट के अम्ल को संतुलित करता है। जिसके कारण रोगों की संभावना नहीं बनती है।
खाली पेट गुड़ खाने के फायदे
- आयुर्वेद के अनुसार सुबह उठकर खाली पेट गुड़ और गरम पानी का सेवन करने से हमारे स्वास्थ्य को काफी लाभ मिलता है।
- गुड़ में पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व पाये जाते हैं जो हमें पेट संबंधी समस्याओं से भी राहत दिलाता है।
- गुड़ हमारे शरीर के खून को साफ करता है क्योंकि हमारे द्वारा दिनभर खराब खान पान किया जाता है।
- जिस कारण हमारा खून गंदा हो जाता है।
- गुड़ खाने से यह सारी गंदगी निकल जाती है।
- सुबह को खाली पेट गुड़ को गुनगुने पानी के साथ लेने से हमारे शरीर की चयापचय दर बढ़ जाती है ।
- जिस कारण हमें अपना वजन कम करने में मदद मिलती है तथा रोजाना सुबह गुड़ खाने से जोड़ों का दर्द भी ठीक होने लगता है।
- गुड़ का सेवन करने से हमें मसूड़ों के दर्द से छुटकारा मिलता है।
- गुड़ खाने से हमारे मुंह में छुपे बैक्टीरिया मर जाते हैं, जिस कारण हमारे दांतों में सड़न, मुँह की बदबू जैसी समस्याओं से बच जाते हैं।
- गुड़ और चना खाने से हमारी पाचन क्रिया मजबूत होती है ।
- इसमें मौजूद अमीनो एसिड, ट्रिप्टोफैन और सेरोटोनिन तनाव को कम करने का काम करते हैं ।
- जिस कारण हमें रात में अच्छी नींद आती है।
- खाली पेट गुड़ खाने से हमारी त्वचा निखरने लगती है तथा त्वचा में दाग मुंहासे से भी हमें छुटकारा मिलता है।
- खाली पेट गुड़ का सेवन करने से हमारे शरीर में दिनभर ताकत बनी रहती है।
- गुड़ के जल्द पच जाने के कारण यह हमारे शुगर लेवल को स्थिर रखता है।
- गुड़ में मौजूद एंटी एलर्जिक तत्व हमारे शरीर के तापमान को नियंत्रित बनाये रखता है। तथा
- इसमें उपस्थित पोटैशियम हमारे ब्लड प्रेशर को स्थिर बनाये रखता है।
- गुड़ और चना दोनों ही फायबर युक्त पोषक पदार्थ हैं।
- इनके रोजाना खाली पेट सेवन करने से हमारा पाचन तंत्र मजबूत होता है तथा कब्ज जैसी समस्या से भी छुटकारा मिलता है।
- पुराना गुड़ हमारे लिए बहुत फायदेमंद होता है।
- इसके सेवन से आंखों के रोग, भूख बढ़ने, पित्त को नष्ट, जैसी आदि समस्याएँ दूर हो जाती हैं।
- अदरक के साथ इसका सेवन करने से कफ की समस्या दूर हो जाती है।
गुड़ खाने के नुकसान
- गुड़ का ज्यादा सेवन करने से हमें एलर्जी भी हो सकती है ।
- इससे नाक से खून बहना, उलटी, सिर दर्द, खांसी जैसी कई समस्याएं भी हो सकती हैं।
- बसंत ऋतु में गुड़ का सेवन हानिकारक होता है।
- पित्त की समस्या वाले रोगियों को भी नये गुड़ का सेवन नहीं करना चाहिये।
- गरम प्रवृति के लोगों को भी गुड़ से दूरी बनाये रखनी चाहिये, क्योंकि गुड़ का सेवन ऐसे व्यक्तियों के लिये घातक होता है।
- आवश्यकता से अधिक कोई भी चीज हानिकारक होती है।
गुड़ का मेल और निषेध
- दही में गुड़ मिलाकर खा सकते हैं लेकिन दूध में गुड़ मिलाकर कभी न खाएं।
- दूध पीने से पहले या कुछ समय बाद में गुड़ खा सकते हैं।
- दही में गुड़ मिलाने से दही के दोष नष्ट हो जाते हैं।
- तिल और गुड़ अवश्य खाएं।
- ठंड के मौसम में उत्तम माना गया है।
- मूंगफली और गुड़ अवश्य खाएं।
- कफ से उत्पन्न होने वाला सबसे खराब रोग है मोटापा।
- मोटापा कम करने के उद्देश्य से भी गुड, मूंगफली और तिल खा सकते हैं।
- बशर्ते की गुड़ शुद्ध होना चाहिए।
- तांबे के कलर वाला, सफेद वाला गुड़ नहीं। गुड़ जहर के प्रभाव को भी कम करता है।
चीनी खाने के नुकसान
- चीनी को पचाने में पेट को बहुत ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है।
- चीनी खाने से वात के कई रोग उत्पन्न होते हैं।
- चीनी एसिडिटी बढ़ाता है।
- चीनी का पाचन सबसे देर में होता है।
- चीनी से बनने वाली मिठाईयां भी स्वास्थ्य की दृष्टि से अच्छी नहीं हैं।
- चीनी खाने से हमेशा बचे।
- चीनी से मोटापा बढ़ता है।
- चीनी से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है।
- जिससे 103 बीमारियां होती हैं।
चीनी के कारण होने वाले रोग
घुटने का दर्द, कमर का दर्द, गर्दन का दर्द, माइग्रेन, सर्दी जुकाम इत्यादि से छुटकारा मिलेगा। चीनी में सल्फर होता है। जिसको गंधक कहते हैं। यह अंदर जाने के बाद बाहर नहीं निकलता है। शरीर में रोग उत्पन्न करता है।
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