Saturday, December 2, 2023
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dates khane ke fayde | khali pet khajur khane ke fayde

खजूर का फल मीठा और शीतल होता है। यह पौष्टिक, मोटापा बढ़ाने वाला, कामोद्दीपक और बिष दूर करता है। यह कुष्ठ रोग, प्यास, श्वास,  थकान, क्षय रोग, उदर रोग, ज्वर, वमन, मस्तिष्क के विकार और चेतना नष्ट होने पर लाभकारी होता है। इसके वृक्ष से तैयार हुई मदिरा कामोद्दीपक और रक्त बढ़ाने वाली होती है। खजूर का वृक्ष ऊंचा होता है। इसके शीर्ष पर पत्रवृन्त के डण्ठल लगे हुए रहते हैं। इसके पत्ते भूरे भूरे होते हैं। इसका फल 2.5 से 7.5 सेंटीमीटर तक लंबा होता है। यह पकने पर कुछ लाल या हल्का बादामी रंग का होता है।

खजूर (Dates)

dates khane ke fayde

खजूर का वृक्ष ऊंचा होता है। इसके शीर्ष पर पत्रवृन्त के डण्ठल लगे हुए रहते हैं। इसके पत्ते भूरे भूरे होते हैं। इसका फल 2.5 से 7.5 सेंटीमीटर तक लंबा होता है। यह पकने पर कुछ लाल या हल्का बादामी रंग का होता है। इसका स्वाद मीठा और बीज लंबे गोल होते हैं। यह पंजाब, सिंध, अफ्रिका, स्पेन, इटली, सिसली, ग्रीक आदि  में अधिक होता है।

अन्य भाषाओं में खजूर का नाम

हिंदी में खजूर, खारक; संस्कृत में दीप्य, मुदारिका, स्वादुपिंडा, पिण्डखर्जुरिका; अरबी में नखलेह; मराठी में खजूर; बंगाली में खजूर; कन्नड़ में कजुरा, कारिका, खर्जुरा; गुजराती में खरेक, खजूर; सिंध में कुरमा, काजि, तार,पिण्डचरी; तमिल में इचु, इन्जु कर्चुर,पेरेण्डु, तिति; तेलुगु में खर्जुरम, मंजीइता, पेरिड, पेरिता; उर्दू में खुरमा; मैथिली में पिन खजूरा आदि नामों से जाना जाता है।

आयुर्वेद के अनुसार खजूर के गुण

खजूर का फल मीठा और शीतल होता है।यह पौष्टिक, मोटापा बढ़ाने वाला, कामोद्दीपक और बिष दूर करता है। यह कुष्ठ रोग, प्यास, श्वास,  थकान, क्षय रोग, उदर रोग, ज्वर, वमन, मस्तिष्क के विकार और चेतना नष्ट होने पर लाभकारी होता है।इसके वृक्ष से तैयार हुई मदिरा कामोद्दीपक और रक्त बढ़ाने वाली होती है। यह वायु नलियों के प्रदाह में लाभदायक है।

खजूर के उपयोग

  1. खजूर कफ निकालता है।
  2. खजूर विरेचक और कामोद्दीपक है।
  3. यह खांसी, श्वांस व छाती की तकलीफों में लाभदायक है।
  4. ज्वर, सुजाक इत्यादि में खजूर लाभकारी है।
  5. खजूर का गोंद  अतिसार की उत्तम औषधि मानी जाती है।
  6. खजूर मूत्राशय और गर्भाशय के विकारों को दूर करता है।

खजूरी

यह एक बहुत सुंदर वृक्ष है। इसका तना खुरदरा होता है । क्योंकि इस पर पत्तों के सूखे डंठल होते हैं। इसका ऊपरी हिस्सा गोल और घना होता है। इसके पत्ते हरे रंग के होते हैं। इसके पत्तों के सिर पर कांटे होते हैं। इसके नर और मादा पुष्प समान होते हैं। इसके फल लंबे बुन्तों पर लगे हुए रहते हैं। इसका फल लंबा और गोल होता है। इसका रंग नारंगी की तरह पीला होता है। इसकी गुठली पर  एक सफेद झिल्ली होती है। यह झिल्ली गूदे और गिरी की प्रथक प्रथक होती है। यह पूरे भारतवर्ष के जंगलों, खेतों और सड़कों के किनारे उत्पन्न होता है।

अन्य भाषाओं में खजूरी के नाम

हिंदी में केजूरखजि, खजूरी,थलमा; संस्कृत में भूमि खजूरिका, हरिप्रिया, स्कन्धफला; बंगाली में काजर, केजूर; मराठी में खजूरा; कन्नड़ में इचेला; पंजाबी में खजि; तमिल में इन्जु, करवम आदि नामों से जाना जाता है।

आयुर्वेद के अनुसार खजूरी के गुण

आयुर्वेद के अनुसार खजूरी का फल मीठा, स्निग्ध, पौष्टिक, चर्बी बढ़ाने वाला, कब्ज दूर करने वाला और कामोद्दीपक होता है। यह हृदय रोग, ज्वर वमन और चेतना नष्ट होने पर लाभ पहुंचाता है।

खजूरी के उपयोग

  1. इसकी जड़ दांतो के दर्द में उपयोगी होती है।
  2. इसके फल की लुगदी अपामार्ग के साथ मिलाकर पान में खाने से जुड़ी बुखार उतर जाता है।
  3. इसका फल सुखाकर उसके चूर्ण को 25 ग्राम दूध के साथ देने से धातु और बल में वृद्धि होती है।
  4. इसके फल के शीर्ष के कोमल भाग को पीसकर पीने और लगाने से सुजाक में लाभ होता है।
  5. इसके तने के ऊपरी भाग से रस निकाला जाता है जिसे नीरा कहते हैं।
  6. यह बहुत पौष्टिक और रोगों को दूर करने वाला माना जाता है।
  7. नीरा से एक उत्तेजक पदार्थ बनाया जाता है जो उत्तर भारत में मदिरा की तरह सेवन किया जाता है।

 

Faq section

इसमें कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, इसमें आयरन और फाइबर की मात्रा अधिक पाई जाती है। खजूर को खाली पेट सुबह सुबह खाना चाहिए जिससे शरीर की कई बीमारियों से राहत मिलती है। खजूर में कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, के साथ-साथ कार्बोहाइड्रे, शुगर, विटामिन बी-6 भी पाया जाता है।इसलिए सुबह खाली पेट खजूर ज़रूर खाना चाहिए।
खजूर फाइबर और आयरन का बेहतर स्रोत है। यदि आप अपने कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करना चाहते हैं, तो आपको रोजाना दो खजूर खाने चाहिए। खजूर फाइबर का अच्छा स्रोत है, इसलिए इसे खाने से पाचन क्रिया को फायदा पहुंचता है।
रोज सुबह खाली पेट खजूर खाने से कब्ज की समस्या (Constipation meaning) में भी आराम मिलता है। खजूर में फाइबर अधिक मात्रा में होता है, जो मल त्याग की प्रक्रिया को आसान बनाता है। कब्ज और अपच की समस्या दूर करता है। रोज 1-2 खजूर खाने से कब्ज से बचाव हो सकता है।
सल्फाइट केमिकल कंपाउंड होता है, ये हानिकारक बैक्टीरिया को दूर रखता है, लेकिन अगर आपको सल्फाइट से एलर्जी है तो खजूर खाने से आपको पेट दर्द, गैस, पेट फूलने और डायरिया की समस्या हो सकती है. खजूर में फाइबर बहुत ज्यादा मात्रा में होता है और कई स्थितियों में इसकी ज्यादा मात्रा आपको नुकसान पहुंचा सकती है।
रात में दूध के साथ खजूर का सेवन करें। इसे आप दूध में उबालकर भी पी सकते हैं। इसके अलावा दूसरा तरीका ये है कि खजूर को रात भर पानी में भिगोकर रखें और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें। खजूर को फ्रूट सलाद में मिलाकर खा सकते हैं।
एक्सपर्ट की मानें तो खजूर सुबह के वक्त खाना ज्यादा बेहतर होता है। अगर आपका हीमोग्लोबिन लेवल कम है तो इसे लंच में खाने के बाद खाएं। बच्चों को दिन में खाने के बीच खजूर देना ज्यादा बेहतर विकल्प माना जाता है।
इसमें मौजूद पोषक तत्व और मिनरल्स हमारी बॉडी को हेल्दी रखने में मदद करते हैं, लेकिन गर्मियों में हमें खजूर का सेवन कम करना चाहिए। क्योंकि इससे हमारी सेहत बिगड़ भी सकती है।
रात को सोने से पहले 100 ग्राम खजूर के बीज निकालकर छोटे-छोटे टुकडे करके एक गिलास दूध में डालकर अच्छी तरह से गर्म कर लीजिए। पूरा गरम हो जाने के बाद इसमें एक चम्मच मिश्री डाल दें। फिर इसे थोड़ा सा ठंडा होने के बाद सेवन करें। रोजाना एक 10 दिन पीने से का जब की मर्दाना शक्ति प्राप्त होती है और शरीर तंदरुस्त और फुर्तीला हो जाता है।

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